75 साल के किंग चार्ल्स को कैंसर हो गया है। हालांकि उन्हें कौन सा कैंसर हुआ इसके बारे में पता नहीं चल पाया है। 5 फरवरी को सार्वजनिक स्टेटमेंट जारी किया गया है।
बकिंघम पैलेस ने बताया है कि किंग चार्ल्स ने सोमवार से नियमित इलाज शुरू कर दिया है और इलाज के दौरान वो अपनी सार्वजनिक ज़िम्मेदारियों से दूर रहेंगे।
भले ही किंग चार्ल्स अभी कैंसर से पीड़ित है। लेकिन वो अपने डिसिप्लिन डाइट और एक्सरसाइज रुटीन के लिए जाने जाते हैं। सालों से वो हार्ड रुटीन को फॉलो करते आ रहे हैं।
किंग चार्ल्स सालों से दोपहर का भोजन नहीं करते हैं। वो इसे विलासिता के रूप में देखते हैं और उनका कहना है कि इससे करने से काम प्रभावित होता है।
चार्ल्स के पूर्व प्रेस सचिव जूलियन पायने ने खुलासा किया कि किंग कभी लंच ब्रेक नहीं लिया। ब्रेकफास्ट में वो फल और सीड्स खाते हैं।
यह भी कहा जाता है कि किंग चार्ल्स नाश्ते में अंडा लेते हैं। लेकिन इसके विपरित जूलियन का कहना है कि मैंने अपने कार्यकाल में उनके नाश्ते में कभी भी एक उबला अंडा नहीं देखा।
किंग दोपहर में स्नैक बार से काम चलाते हैं। दिन की शुरुआत वो रेडियो समाचारों के साथ चाय और मौसमी फल और सीड्स के साथ करते हैं।
किंग चार्ल्स शाकाहार होने का भी कभी-कभी पालन करते हैं। कुछ दिन वो मांस मछली से परहेज करते हैं। तो की दिन वो डेयरी प्रोडक्ट से भी दूर रहते हैं।
इंग्लैंड के राजा सप्ताह में दो दिन मांस और मछली नहीं खाते हैं। वहीं एक दिन डेयरी प्रोडक्ट से दूर रहते हैं। वो कहते हैं कि अगर लोग ऐसा करने लगे तो पर्यावरण पर बहुत कम दबाव पड़ेगा।
किंग चार्ल्स एक हार्ड एक्सरसाइज रुटीन बनाए रखते हैं। वह रॉयल कैनेडियन एयर फ़ोर्स की 5XB प्लान का पालन करता है, जो दिन में 2 बार जिम-फ्री वर्कआउट के लिए डिज़ाइन की गई है।