साइकोलॉजिक और साइंटफिक प्रिजर्वेटिव्स वेरियस इंडियन कल्चर रिपोर्ट में डॉ. सुनीता जे. लिलानी लिखती हैं कि चांदी की बिछिया पहनने के ट्रेडीशनल संग साइंटफिक बेनिफिट्स भी हैं।
सेकेंड टो नस का कनेक्शन महिलाओं के यूट्रस (गर्भाशय) से होता है। पैर की उंगली की नस यूट्रस से होते हुए दिल तक जाती है। बिछिया के कारण नस में दबाव से यूट्रस को स्ट्रेंथ मिलती है।
पैर की नस में दवाब पड़ने से महिलाओं के पीरियड्स नियमित रहते हैं। इस कारण से टाइम में ओव्यूलेशन प्रोसेस होता है जो कि जल्दी प्रेग्नेंसी में मदद करता है और फर्टिलिटी को बढ़ाता है।
पैरों में बिछिया पहनने से एक दबाव पड़ता है जिसे एक्यूप्रेशर कहा जाता है। जो महिलाएं बिछिया पहनती हैं उनके बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है।
सिल्वर यानी की चांदी को गुड कंडक्टर माना जाती है। जो महिलाएं बिछिया पहनती है उन्हें पोलर एनर्जी मिलती है जो पूरे शरीर में फैलती है।
एक्यूप्रेशर पॉइंट में दबाव पढ़ने के कारण बिछिया स्ट्रेस बस्टर का काम भी करती है। यानी महिलाओं के पैरों की सुंदरता बढ़ाने के साथ बिछिया पहनने के कई हेल्थ बेनिफिट्स हैं।
महिलाएं शादी के बाद कई बार बड़े पासे की बिछियां पहनती हैं जो कि कई बार चोट का कारण बन जाती है। हमेशा सुविधाजनक डिजाइन का चयन करें।