ऊर्फी जावेद अपने शो ‘फॉलो कर लो यार’ से धूम मचा रही हैं। इसके साथ ही वो जमकर इंटरव्यू में भी दे रही हैं। जिसमें अपने लाइफ और स्किन केयर से जुड़े राज शेयर कर रही हैं।
26 साल की उर्फी जावेद बोटॉक्स और फिलर कराती हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें ये बताने में कोई शर्म नहीं कि वो बोटॉक्स कराती हैं।
ऊर्फी जावेद ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें अपने स्किन पर लाइन बिल्कुल नहीं पसंद है। वो एजिंग से डरती है। इसलिए बोटॉक्स कराती हैं। स्किन में नीडल्स डालवाने से डर नहीं लगता है।
बोटॉक्स ट्रीटमेंट एक कॉस्मेटिक प्रक्रिया है जिसका उपयोग मुख्य रूप से चेहरे की झुर्रियों और फाइन लाइन्स को कम करने के लिए किया जाता है।
इसमें बोटुलिनम टॉक्सिन नामक एक प्रोटीन का इंजेक्शन दिया जाता है। जो स्किन की मांसपेशियों की एक्टिविटी को अस्थायी रूप से रोकता है। जिससे स्किन पर झुर्रियां कम दिखाई देती हैं।
झुर्रियों को कम करना, हाइपरहाइड्रोसिस यानी अंडरआर्म्स, हथेलियों, और पैरों में ज्यादा पसीना आने की समस्या को भी यह दूर करता है। बोटॉक्स से माइग्रेन को भी कम किया जा सकता है।
30 के बाद स्किन पर झुर्रियां नजर आने लगती है। अगर आपके पास पैसा है तो फिर अच्छे डॉक्टर से आप बोटॉक्स का ट्रीटमेंट ले सकती हैं।
आमतौर पर यह ट्रीटमेंट सुरक्षित होता है, लेकिन संभावित साइड इफेक्ट्स में सूजन, रेडनेस, या हल्का दर्द शामिल हो सकता है। अगर यह गलत स्थान पर लगता है तो स्किन में असमानता आ सकती है।