शहद का सेवन भले ही फायदेमंद हो लेकिन 6 में 8 माह से कम के बच्चे को शहद दिया तो वह उसके लिए जहर साबित हो सकता है। 6 माह से कम के बच्चों में शहद Botulism पॉइजनिंग का कारण बन सकता है।
गलती से भी 6 माह से कम के बच्चे को नमक देने की भूल न करें। नमक बच्चों के किडनी को खराब कर सकता है। नमक खाने से बहुत ज्यादा प्यास लगती है और बच्चे कि स्किन ड्राई पड़ सकती हैं।
शक्कर मिला दही, शक्कर मिला दूध अपने 6 महीने से 24 महीने की उम्र के बच्चे को देने की भूल न करें। ये बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है।
6 से कम उम्र के बच्चे को गाय का दूध देना भी घातक साबित हो सकता है। इससे बच्चे के इंटेस्टाइन से ब्लीडिंग हो सकती है। इस बारे में डॉक्टर से पूछें।
बेबी 6 महीने का होते ही पेरेंट्स सॉलि़ड फूड देना शुरू कर देते हैं। कम उम्र के बच्चों को कभी भी फिश देने की भूल न करें क्योंकि उसमें मरकरी पाई जाती है।
बच्चों को कभी भी डिब्बा बंद जूस नहीं देना चाहिए। ऐसे जूस में बहुत मात्रा में शुगर होती है जो आपके बच्चे के लिए बिल्कुल अच्छी नहीं है।
बच्चों का 1 साल या उससे अधिक उम्र होने पर पेरेंट्स उसे चाय के साथ नाश्ता देना शुरू कर देते हैं जो की बिल्कुल गलत है। कैफीन युक्त पदार्थ बच्चों के स्वास्थ्य को खतरा पहुंचा सकते हैं।