निपाह(NiV) एक जूनोटिक वायरस है। यह जानवरों से इंसानों में और कभी-कभी इंसानों से इंसानों में फैल सकता है। इसकी पहचान पहली बार 1999 में मलेशिया और सिंगापुर में फैलने के दौरान हुई थी।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा डॉर्ज ने कोझिकोड के एक निजी अस्पताल में सोमवार को हुई दो मौतों का कारण निपाह वायरस बताया। उन्होंने कहा कि जिले में अब तक दो एक्टिव मामले हैं।
निपाह वायरस मुख्य रूप से जानवरों खासकर चमगादड़ों और सूअरों से इंसनों में फैलता है। इतना ही नहीं कोविड-19 की तरह ये लोगों से भी एक-दूसरे को फैल सकता है।
निपाह वायरस में आमतौर पर बुखार, सिरदर्द, सांस की बीमारी और गंभीर मामलों में, एन्सेफलाइटिस (दिमाग की सूजन) शामिल हो सकती है, जिससे कोमा या मौत भी हो सकती है।
निपाह वायरस 4 से 14 दिनों तक हो सकता है। हालांकि, कई गंभीर मामलों में ये 15-30 दिनों तक भी देखा जाता है।
संक्रमित जानवरों के संपर्क से बचें। बीमार सूअरों और चमगादड़ों के सीधे संपर्क से बचें, साथ ही कच्चे खजूर के रस का सेवन न करें।
बीमार व्यक्तियों की देखभाल करते समय बार-बार हाथ धोना और दूरी बनाए रखना जरूरी है।
संक्रमित व्यक्तियों को दूसरों लोगों से अलग क्वारंटीन करना चाहिए और परस्पर दूरी बनाए रखना चाहिए।