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अस्थमा-एलर्जी में भी खेल सकेंगे Holi, इन Tips से रखें फेफड़ों का ख्याल

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नैचुरल रंगों का इस्तेमाल

फूलों, हर्ब्स और पर्यावरण-फ्रेंडली प्राकृतिक रंगों का चयन करें। ये ऑप्शन स्किन और श्वसन मार्ग दोनों के लिए सही रहते हैं। वहीं सिंथेटिक रंगों में जलन पैदा करने वाले तत्व होते हैं।

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सेफ्टी गाइड

अपनी नाक और मुंह को अंदर जाने वाले रंग के कणों से बचाने के लिए मास्क या स्कार्फ पहनें। घर के अंदर की हवा को साफ करने के लिए HEPA फिल्टर से लैस एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।

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होलिका दहन के दौरान सावधानियां

होलिका दहन के दौरान वातावरण में धुआं खूब प्रदूषण छोड़ता है। श्वसन संबंधी जोखिमों को कम करने के लिए, घर के अंदर रहें या धुएं से बचने के लिए सुरक्षित दूरी बनाए रखें। 

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शराब का सीमित सेवन

होली के दौरान शराब का सेवन श्वसन संबंधी परेशानी को बढ़ा सकता है और फेफड़ों की कार्यक्षमता को खराब कर सकता है। ऐसे में शराब का सेवन सीमित करें, खासकर अगर आपको अस्थमा है।

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एक्सरसाइज और श्वसन हेल्थ

घर के अंदर फिजिकल एक्टिविटी करने से फेफड़ों की क्षमता और श्वसन क्रिया में वृद्धि हो सकती है। प्राणायाम, योग या इनडोर वर्कआउट करें। अपनी ब्रीदिंग पैटर्न की निगरानी करें।

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लक्षणों से सावधान रहें

घरघराहट, खांसी, सांस लेने में तकलीफ या सीने में जकड़न जैसे लक्षणों के प्रति सतर्क रहें। यदि होली के बाद श्वसन संबंधी लक्षण बने रहते हैं या बिगड़ते हैं तो मेडिकल हेल्प जरूर लें।

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