Rheumatoid Arthritis Day: किस वजह से होता है आर्थराइटिस? बचाव के तरीके
Health Feb 02 2024
Author: Shivangi Chauhan Image Credits:freepik
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महिलाओं को अधिक खतरा
रुमेटीइड गठिया के 70 प्रतिशत मामले महिलाओं में होते हैं, जिनमें से 55 प्रतिशत 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं हैं। महिलाओं को इस बीमारी का खतरा अधिक होता है।
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ऑटो-इम्यून बीमारी
रुमेटीइड गठिया पुरानी ऑटो-इम्यून बीमारी है जो जोड़ों को प्रभावित करती है। इसमें सूजन और दर्द की समस्या हो जाती है। इसका असर घुटनों, अंगुलियों, कलाई, एड़ी जैसे हिस्सों पर पड़ता है।
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कैसे बढ़ता है खतरा?
धूम्रपान, मोटापा और आनुवांशिक कारणों से भी इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2019 में दुनिया भर में लगभग 18 मिलियन लोग रुमेटीइड गठिया से पीड़ित थे।
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क्या है इसके लक्षण ?
जोड़ों में सूजन, सुबह के समय जोड़ों में अकड़न होना, थकान, कमजोरी, बुखार और लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने के कारण अकड़न होना आदि सब इसके लक्षण हैं।
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कैसे करें कंट्रोल?
अधिक वजन होने से जोड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे रुमेटीइड गठिया के कारण होने वाला दर्द और अधिक बढ़ जाता है। इसलिए यदि वजन अधिक है तो इसे कम करने का प्रयास करें।
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हेल्दी डाइट और व्यायाम करें
कैल्शियम, विटामिन डी और पोटैशियम से भरपूर फूड अपनी डाइट में शामिल करें। रुमेटीइड गठिया के कारण होने वाले दर्द के कारण व्यायाम करना बंद ना करें बल्कि हल्का व्यायाम करते रहें।