प्रणामासन योग आपके मन को शांत रखता है। इसका अभ्यास करने से बॉडी पोस्चर को ठीक रखने और मानसिक शांति में मदद मिलती है। यह शांति प्रदान करता है।
दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और पीछे की ओर झुकें। लोअर बैक मसल्स और रीढ़ की हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए यह योगासन काफी फायदेमंद है। इससे हृदय संबंधी समस्याएं भी दूर होती है।
अब आगे की तरफ झुकें और हाथों को पैरों के पास ले जाकर प्लेस करें। ध्यान रहे कि घुटने सीधे रहें। यह आसन सिरदर्द, एंग्जाइटी और इंसोम्निया की समस्या में आराम देता है।
अपने दाहिने पैर को पीछे धकेलें और बांए पैर को आगे फोटो में दिख रही स्थिति में लाएं। ऊपर की ओर देखने की कोशिश करें। यह पीठ दर्द में फायदेमंद और मेटाबॉलिज्म के लिए बहुत उपयोगी है।
कूल्हों और टेलबोन को ऊपर उठाकर उल्टे वी की स्थिति में पूरे शरीर को लाएं। ध्यान रखें एड़ी जमीन पर रहे। यह आसन सिरदर्द, अनिद्रा, पीठ दर्द और थकान से राहत दिलाता है।
अब कूल्हों को थोड़ा रखते हुए पंजे, घुटने, छाती और ठुड्डी को फर्श पर टिका दें। इस आसन के नियमित अभ्यास से मणिपूरक चक्र को स्टिम्युलेट करने में मदद मिलती है।
अब छाती को कोबरा मुद्रा में ऊपर उठाएं, जितना हो सके पीछे देखने की कोशिश करें। भुजंगासन से हृदय स्वस्थ रहता है और अस्थमा के लक्षणों में आराम मिलता है।
अब वापस से 8वें नंबर के आसन में अधो मुख श्वानासन करें। एड़ी को जमीन पर ही रखें। अधो मुख श्वानासन पेट के अंगों को उत्तेजित करता है और पाचन में सुधार लाता है।
अब वापसी में दाहिने पैर को आगे और बांए पैर को पीछे की तरफ रखें। इसका अभ्यास करने से आपके शरीर की मांसपेशियों को बहुत फायदा मिलता है।
सिरदर्द और इंसोम्निया की समस्या होने पर आप हस्तपादासन करें। साथ ही ये आसन पीठ, हिप्स, पिंडली और टखनों को अच्छा स्ट्रेच देता है।
यह आसन अनाहत चक्र को बैलेंस करता है। यानि दिल से जुड़ी बीमारियों में आराम देता है। सीने को फैलाता और बैक मसल्स को टोन करता है।
मन को शांत रखने के अलावा प्रणाम आसन शरीर के पोश्चर को ठीक करने के लिए फायदेमंद है। यह हड्डियों के लिए फायदेमंद रहता है।