कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दुनिया का पहला सिंथेटिक मानव भ्रूण बनाया है।
डॉक्टर्स की टीम ने स्टेम सेल का उपयोग करके सिंथेटिक मानव भ्रूण बनाया है, जिसमें अंडे या शुक्राणु की जरूरत नहीं होती है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर ये प्रयोग सफल होता है, तो इससे गर्भपात की समस्या से बचा जा सकता है और बिना अंडों और स्पर्म के भी बच्चा पैदा किया जा सकता है।
एक्टोलाइफ नामक कंपनी पिछले साल से ही एक ऐसी तकनीक पर काम कर रही है जिसमें आर्टिफिशियल कोख से बच्चे पैदा किए जाएंगे।
कपल बच्चे को जन्म देने के लिए इस आर्टिफिशियल तकनीक का सहारा ले सकते हैं। कंपनी का दावा है कि इस बेबी पॉड की मदद से हर साल करीब 30 हजार बच्चे पैदा किए जा सकते हैं।
इसी साल मई में ब्रिटेन में माइटोकॉन्ड्रियल डोनेशन ट्रीटमेंट के जरिए पहली बार 3 लोगों का DNA मिलाकर एक बच्चा पैदा किया।
अमेरिका के वैज्ञानिक स्पेस बेबी IVF ट्रीटमेंट पर भी रिसर्च कर रहे है। 2019 में, डॉ एडेलब्रुक ने बताया था कि अगले 12 साल के अंदर पहला बच्चा स्पेस में पैदा हो सकता है।
कुछ समय पहले महाराष्ट्र के अंबाजोगाई शहर में एक महिला ने जलपरी जैसे बच्चे को जन्म दिया था। इस बच्चे के दोनों पैर आपस में जुड़े हुए थे और मछली की तरह शरीर था।
इसी साल अप्रैल में पाकिस्तान में 2 लिंग के साथ बच्चा पैदा हुआ है और वो दोनों से पेशाब कर पा रहा था, लेकिन उसके शरीर में Anus नहीं था, जिससे वह मल त्याग नहीं कर पा रहा था।