मंडूकासन दो शब्द मंडूक एवं आसन से मिलकर बना है। मंडूकासन करते समय शरीर मेढक के जैसा प्रतीत होता है। इसलिए इसे मंडूकासन कहते हैं। यह फ्राॅग पोज के नाम से भी जाना जाता है।
यह आसन डायबिटीज के लिए रामबाण है। मंडूकासन करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं। अब आप मुट्ठी बांधें और इसे अपने नाभि के पास लेकर जाएं।
मुट्ठी को नाभि एवं जांघ के पास ऐसे रखें कि मुट्ठी खड़ी हो और अंगुलियां आपके पेट के तरफ हो।
सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें, छाती को इस प्रकार नीचे लाएं कि वह जांघों पर टिकी रहे। इस तरह से आगे झुकने पर नाभि पर ज्यादा से ज्यादा दबाव आएगा।
सिर और गर्दन को उठाए रखें, आंखों को सामने रखें। धीरे-धीरे सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें। फिर सांस लेते हुए अपनी सामान्य अवस्था में आएं। यह एक चक्र हुआ।
मंडूकासन का सही ढंग से अभ्यास करने से पैंक्रिया से इंसुलिन का स्राव में मदद मिलती है। इसीलिए इससे डायबिटीज के रोगियों को बहुत लाभ मिलता है।
मंडूकासन करने से एंजाइम, हार्मोन का स्राव और भोजन पचाने में मदद मिलती है। मंडूकासन करने से पेट से भी टॉक्सिन भी आसानी से निकल जाते हैं।