साउथ अटलांटिक की जूलिया लिन जब छोटी थी तब डायबिटीज की शिकार हो गई थीं। डॉक्टर ने कहा था कि 40 साल से ज्यादा वो नहीं जी पाएंगी. लेकिन 66 की उम्र में वो बॉडीबिल्डर बन चुकी हैं।
24 साल की उम्र तक जूलिया को डायबिटिक रेटिनोपैथी, न्यूरोपैथी, किडनी फेलन और दिल से जुड़ी बीमारी हो गई थी। मौत के वो करीब पहुंच गई थीं।
जूलिया के ऑपरेशन में कई जोखिम थे। किडनी और पैनक्रियाज ट्रांसप्लांट के बाद उसे नई जिंदगी मिली। जूलिया कहती हैं कि इसके बाद मानवता को लेकर मेरा विश्वास और बढ़ गया।
ट्रिपल कार्डियक बाईपास और थायरॉयडेक्टॉमी से गुजरने के बाद उन्होंने फिटनेस पर ध्यान दिया। उन्होंने शरीर और ब्रेन को नया आकार देने का फैसला किया।
तमाम सर्जरी से गुजरने के बाद जूलिया फिर से मजबूती से खड़ा हुई और शुरुआत में 15 किलोवजन कम किया। इसके बाद वो बॉडी बिल्डर बनने की जर्नी शुरू कीं।
जूलिया बताती हैं कि वो पांच दिन एक से दो घंटे जिम जाने लगीं। इसके अलावा 30-50 मिनट हर रोज वॉक करने लगी थी। जिससे उनका वजन कम होने लगा था।
प्रोटीन, हेल्दी फैट और कार्ब्स की मात्रा वाली डाइट लेनी शुरू की। भोजन को ट्रैक करने के लिए मैक्रो सिस्टम का उपयोग करने लगीं।
शुरू से ही खेल में रुची रखने वाली जूलिया 62 की उम्र के बाद बॉडीबिल्डर बनने की ठानी और बॉडीबिल्डर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। मास्टर्स बिकिनी में उन्होंने खिताब हासिल किया।
मेनोपॉज के बाद महिलाओं का शरीर टूट जाता है। वो अयोग्य हो जाती है इस धारणा को 66 साल की जूलिया ने गलत ठहरा दिया। उन्होंने बताया कि फिटनेस किसी भी उम्र में हासिल किया जा सकता है।
Julia Linn की कहानी तमाम महिलाओं के लिए मोटिवेट करने वाली हैं जो बीमारी से हार मान लेती हैं या फिर एक उम्र के बाद खुद पर फोकस करना बंद कर देती हैं।