बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी का सोमवार रात दिल्ली एम्स में निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर की जंग लड़ रहे थे। 9 अप्रैल को ही उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था।
सुशील कुमार मोदी को यूरिनरी ब्लैडर कैंसर यानी की मूत्र मार्ग के ऊपर और किडनी के नीचे कैंसर था। यह कैंसर तब होता है जब ब्लैडर में मौजूद सेल्स तेजी से बढ़ने लगते हैं।
आमतौर पर यूरिनरी ब्लैडर कैंसर 50-75 साल की उम्र में सबसे ज्यादा होता है, लेकिन कुछ रेयर केस में यह कम उम्र के लोगों को भी हो सकता है।
मूत्राशय कैंसर के सामान्य लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, पेशाब से खून आना, सही तरीके से पेशाब न कर पाना, बार-बार यूरिन इन्फेक्शन होना आदि शामिल है।
यूरिनरी ब्लैडर कैंसर ब्लैडर से होते हुए बाहर की परत लिम्फ नोड्स, लंग्स और लीवर तक को डैमेज कर सकता है, जो मौत का कारण बन सकता है।
यूरिनरी ब्लैडर कैंसर के सामान्य कारण में सिगरेट पीना, सिगरेट का धुआं, कीमोथेरेपी, केमिकल के संपर्क में आना ,बार-बार यूरिन इन्फेक्शन होना, क्रॉनिक कैथेटर का उपयोग करना है।
दूसरे स्टेज में यह मूत्राशय की मांसपेशियों की दीवार तक फैलता है। तीसरे चरण में मांसपेशियों के बाहर वसायुक्त उत्तक तक फैलता है और 4 स्टेज पर लिम्फ नोड्स और हड्डियों तक फैल सकता है।
यूरिनरी ब्लैडर कैंसर के ट्यूमर को सर्जरी के जरिए बाहर निकाला जा सकता है। इसके अलावा कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, टारगेट थेरेपी से भी इसे काफी हद तक रोका जा सकता है।