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लंबी होगी उम्र, जब आप बैठने-उठने, सोने और वर्कआउट का बना लें ऐसा रुटीन

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बदल रहा लाइफस्टाइल

मॉर्डन लाइफ में अक्सर बहुत अधिक बैठना शामिल होता है - अपने डेस्क पर, अपनी कारों में, यहां तक कि ख़ाली समय के लिए सोफे पर भी। जो हमारे सेहत के लिए खराब है।

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बना रहा है बीमार

शोध में पता चला है कि गतिहीन जीवनशैली हमारे स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है, जिससे हृदय रोग, मधुमेह और यहां तक कि कुछ कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है।

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क्या है हेल्थ का जादुई फॉर्मूला

हमें बैठने, खड़े होने, चलने, व्यायाम करने और सोने में कितना समय व्यतीत करना चाहिए? इसे लेकर ऑस्ट्रेलियाई और अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं ने डेली रुटीन कोड बनाया है।

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मेडिकल जर्नल डायबेटोलोजिया में प्रकाशित निष्कर्ष

40-75 आयु वर्ग के 2,000 से अधिक प्रतिभागियों पर शोध का विश्लेषण करके आदर्श दैनिक ब्रेकडाउन की पहचान की। जिसमें बैठने, चलने और सोने का घंटा निर्धारित किया गया।

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24 घंटे का ये होना चाहिए रुटीन

बैठे रहना-6 घंटे

खड़े रहना-5 घंटे और 10 मिनट

हल्की से मध्यम फीजिकल एक्टिविटी-2 घंटे और 10 मिनट

मध्यम से जोरदार फीजिकल एक्टिविटी-2 घंटे और 10 मिनट

नींद- 8 घंटे 20 मिनट

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डायबिटीज पेशेंट के लिए फायदेमंद

शोध में सामने आया कि टाइप 2 मधुमेह वाले प्रतिभागियों ने जब बैठने के समय को शारीरिक गतिविधि, विशेष रूप से हल्की गतिविधि से बदल दिया, तो ब्लड शुगर कंट्रोल में आ गया।

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