डॉग थेरेपी को मेडिकल लैंग्वेज में कैनाइन असिस्टेंट थेरेपी या पशु सहायता थेरेपी के नाम से भी जाना जाता है।
सभी जानवरों में कुत्ते इंसानों के सबसे ज्यादा क्लोज होते है और ये उन्हें अच्छी तरह से समझते हैं।
डॉग थेरेपी में मरीज विशेष रूप से ट्रेनिंग लिए हुए कुत्तों के साथ सेशन करते हैं। इन्हें अस्पताल, नर्सिंग होम, स्कूलों और पुनर्वास केंद्रों में किया जाता है।
डॉग थेरेपी में एक मरीज कई फ्रेंडली डॉग्स के साथ इमोशनली कनेक्ट होने की कोशिश करता है। जो भी समस्याएं होती हैं वह उनके सामने बताते हैं और डॉग्स भी इसे बड़े इत्मीनान से सुनते हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉग थेरेपी करने से मरीज का स्ट्रेस लेवल कम होता है और एंजाइटी और तनाव से राहत मिलती है।
डॉग थेरेपी के दौरान ऑक्सीटोसिन (लव हार्मोन) और एंडोर्फिन रिलीज होता है जो आपके मूड को बेहतर करता है और पुरानी बीमारियों को भी कम करने में मदद करता है।
मुंबई के एयरपोर्ट में डॉग्स की मदद से यात्रियों का तनाव करने के लिए डॉग थेरेपी होती है। 2003 में मीनल सोनकर नाम की महिला ने अपने कुछ दोस्तों के साथ एनिमल एंजेल की शुरुआत की थी।