चाय में कैफीन होता है, जो बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके कारण ब्लड प्रेशर, अनिद्रा, चिंता, घबराहट और पेट खराब जैसी चीज हो सकती हैं।
बच्चों को चाय पिलाने से उनके दांतों में पीलापन हो सकता है। इतना ही नहीं मीठी चाय पीने से दांतों की सड़न और कैविटी की समस्या भी हो सकती है।
ज्यादा मात्रा में चाय का सेवन करने से बॉडी में डिहाइड्रेशन होने लगता है, क्योंकि कैफीन का सेवन करने से यूरिन ज्यादा होती है, जिससे बॉडी में हाइड्रेशन लेवल कम हो सकता है।
कुछ बच्चों को चाय पीने से सेंसटिविटी या एलर्जी हो सकती है, क्योंकि इसमें टैनिन पाया जाता है, जो कई बच्चों में एलर्जी का कारण बन सकता है।
नियमित रूप से चाय का सेवन करने से खासकर दूध और चीनी वाली चाय पीने से बच्चों में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
चाय में मौजूद कैटेचिन खून को पतला करने वाली दवाओं के साथ रिएक्ट कर सकता है, जिससे उसके प्रभाव कम हो सकते हैं और यह बच्चों के लिए हानिकारक भी हो सकता है।
कैफीन का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से बच्चों के दिमाग पर प्रभाव पड़ता है। इससे ध्यान और फोकस में कमी आती है और याददाश्त भी कमजोर होती है।
बच्चों को चाय पिलाने से उनके पेट में एसिड रिफ्लेक्ट हो सकता है। इससे जी मचलना, उल्टी जैसी चीज होना सामान्य लक्षण है।
चाय एक एडिक्टिव ड्रिंक होती है, जिसका लंबे समय तक सेवन किया जाए तो बच्चे इसके आदी हो सकते हैं और ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से कई समस्याएं हो सकती हैं।