भारत में जीका वायरस (Zika virus) का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। महाराष्ट्र के पुणे में एक गर्भवती महिला संक्रमित पाई गई है। यह गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए बेहद खतरनाक होता है।
जीका वायरस प्लेसेंटल बैरियर पार कर मां से गर्भ में पल रहे बच्चे तक पहुंच जाता है। इससे से माइक्रोसेफली हो जाता है। इसमें बच्चे का सिर असामान्य रूप से छोटा रह जाता है।
जीका वायरस के संक्रमण से बच्चे के विकास में देर होती है। यह गर्भ में मौजूद भ्रूण के ब्रेन के विकास को प्रभावित कर सकता है। दिमाग का विकास ठीक तरह से नहीं हो पाता।
जीका वायरस संक्रमण के संक्रमण से गर्भ में पल रहे बच्चे की आंखें ठीक से विकसित नहीं हो पातीं। उनमें जन्म से सुनने की क्षमता में कमी की परेशानी हो सकती है।
WHO का कहना है कि गर्भावस्था में संक्रमण के बाद जन्मजात विकृतियों का जोखिम अभी भी अज्ञात है। इसके 5-15% रहने के सबूत मिले हैं।
जीका वायरस से संक्रमित गर्भवती महिलाओं में गर्भपात होने या मृत शिशु के जन्म होने का खतरा अधिक होता है।