यूएस सेंटर फॉर डिजि कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक जॉम्बी डियर डिजिज या क्रोनिक वेस्टिंग रोग एक प्रियन रोग है जो हिरण, एल्क,रेनडियर और मूस में होता है।
हेल्दी ब्रेन प्रोटीन को प्रियन द्वारा असामान्य रूप से मोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसमें मनुष्यों और जानवरों दोनों में बीमारियां पैदा करने की क्षमता है।
कनाडा,अमेरिका, नॉर्वे, दक्षिण कोरिया सहित उत्तरी अमेरिका के कुछ एरिया में जॉम्बी हिरण रोग पाया गया है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हिरण, एल्क और मूस के 800 नमूनों में यह पाई गई है।
विशेषज्ञों की मानें तो यह स्लो मोशन वाला पेंडेमिक है और इसके इंसानों में भी फैलने की आशंका है। यह काफी घातक है और इसका कोई इलाज या वैक्सीन नहीं है।
यूएस सीडीसी के अनुसार, प्रियन रोग मनुष्यों और जानवरों दोनों को प्रभावित करते हैं। संक्रमित जानवरों में लक्षण विकसित होने में एक साल से अधिक वक्त लगता है।
तेजी से वजन घटना, लड़खड़ाना, गर्दन का टेढ़ा हो जाना और अन्य तंत्रिका संबंधी लक्षण हैं। इस बीमारी से संक्रमित जानवरों में होने वाले लक्षण सुस्ती, लार आना, कान झुकना है।
जॉम्बी डिजिज में जानवरों को ज्यादा पेशाब और प्यास लगने के लक्षण दिखते हैं। इसके अलावा वो भयमुक्त हो जाते हैं। यानी लोगों से डर लगना उसका कम हो जाता है।
बीमारी के प्रसार से बचने के लिए CDC उन हिरणों और एल्क को गोली न मारने, संभालने या उनका मांस न खाने की सलाह देता है।इसके साथ दस्ताना पहनकर जानवर को कपड़े पहनाने चाहिए।