बनारसी साड़ी भारत की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है। इस साड़ी में परंपरा और बेहतरीन कलाकारी की झलक नजर आती है।
बनारसी साड़ी की अनोखी डिजाइन, सॉफ्टनेस और शानदार कारीगरी इसे खास बनाती है। लेकिन बाजार में नकली बनारसी साड़ी की भरमार है। तो चलिए बताते हैं कैसे रियल बनारसी साड़ी की पहचान करेंगे।
असली बनारसी साड़ी की फैब्रिक काफी चमकदार होता है। मुलायम बनारसी सिल्क के धागों से यह बनी होती है। साड़ी के किनारों या पल्लू के कोनों की चमक को देखकर असलियत का पता लगाया जा सकता है।
बनारसी साड़ी बहुत ही मुलायम और हल्की होती है। असली बनारसी साड़ी अंगूठी के आर-पार हो जा जाता है। जबकि नकली बनारसी साड़ी उतनी सॉफ्ट नहीं होती है। उसकी चमक भी फिकी रहती है।
असली बनारसी साड़ी को देर तक उंगलियों से छूकर देखते हैं तो गर्माहट महसूस होती है। यह रोशनी के हिसाब से रंग बदलती है। जबकि नकली बनारसी साड़ी में ऐसा नहीं होता है।
असली बनारसी साड़ी के बोर्डर और पल्लू में हाथ से कढ़ाई की जाती है। पल्लू पर 6-8 इंच लंबा फैब्रिक होता है। जबकि नकली साड़ी में कढ़ाई बहुत ही फीकी और बेतरतीब होती है।
असली बनारसी साड़ियों में जरदोजी का काम सोने -चांदी के सूत से किया जाता है।जबकि नकली साड़ियों में यह काम सोने और चांदी के प्लेटिंग से किया जाता है।
असली बनारसी साड़ी की कीमत बहुत ज्यादा होती है। यह 20 हजार से शुरू होती है और लाखों में जाती है। जबकि नकली साड़ी को लोग कम दाम में रियल बताकर बेचते हैं।