Other Lifestyle
मकर संक्रांति के दिन पीला रंग पहनना सांस्कृतिक और प्रतीकात्मक महत्व वाली एक परंपरा है। यहां जानें 6 बड़े कारण कि आखिर क्यों मकर संक्रांति के दौरान आमतौर पर पीला रंग पहना जाता है।
पीला रंग पकी हुई फसलों के रंग से जुड़ा होता है। विशेष रूप से गेहूं और सरसों जैसे अनाज, जिनकी कटाई वर्ष के इस समय के दौरान की जाती है।
मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि में संक्रमण का प्रतीक है। पीला रंग सूर्य से जुड़ा रंग है और इसे पहनना सूर्य देव को श्रद्धांजलि देने का एक तरीका है।
पीले अक्सर एक ऐसा रंग माना जाता है जो ऊर्जा, सकारात्मकता और चमक का प्रतिनिधित्व करता है। माना जाता है कि पीला रंग पहनना खुशी और आशीर्वाद लाता है, जिससे उत्सव का उत्साह बढ़ता है।
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में, मकर संक्रांति के दौरान पीला पहनना एक सांस्कृतिक परंपरा बन गया है क्योंकि यह उत्सवों के दौरान एकता और समानता की भावना जोड़ता है।
हिंदू संस्कृति में, पीला रंग शुभता और पवित्रता से जुड़ा है और माना जाता है कि यह सौभाग्य लाता है। ये सकारात्मक और शुद्ध भावनाओं के साथ किसी की आत्मा को शुद्ध करता है।
मकर संक्रांति सर्दियों के अंत और गर्म दिनों की शुरुआत का प्रतीक है क्योंकि सूर्य उत्तर की ओर अपनी यात्रा शुरू करता है। पीला रंग बदलते मौसम की गर्मी और चमक को दर्शाता है।