चीटिंयां अपने पूरे जीवन में नहीं सोतीं। आखिर वो ऐसा कैसे कर लेती हैं? चीटियां दिनभर में करीब 250 झपकियां लेती हैं लेकिन एक झपकी एक मिनट से ज्यादा नहीं होती।
अगर दिनभर में 250 झपकियों के हिसाब से देखें तो कहा जा सकता है कि बेशक वो दो मिनट भी नहीं सोतीं लेकिन झपकी के तौर पर 4 घंटे 48 मिनट की नींद तो ले ही लेती हैं।
सिर्फ अंटार्कटिका को छोड़कर चीटियां दुनियाभर में हर जगह पाई जाती हैं। ठंड के मौसम में वो गायब हो जाती हैं और जमीन के नीचे या चट्टान के नीचे गरम जगह तलाश कर अपना ठिकाना बनाती हैं।
रिसर्च ये बताती है कि चीटियां इस धरती पर 130 मिलियन साल पहले से हैं, वो डायनासोर दौर से भी पुरानी हैं। माना जाता है कि दुनियाभर में उनकी 13,379 प्रजातियां हैं।
हर चींटी के दो पेट होते हैं, इसमें एक पेट में वो खाना स्टोर करके धीरे धीरे अपने काम में लाती है और दूसरे पेट में खाना स्टोर रहता है, जिसको वो किसी दूसरी चींटी को दे सकती है।
दुनिया में चीटियों की संख्या एक व्यक्ति के पीछे 10 लाख की है। वैसे अमेजन में चीटियों की कुछ ऐसी प्रजाति भी रहती हैं, जिनकी कॉलोनी में कोई मर्द नहीं होता।
रानी चींटी अपना क्लोन या डुप्लीकेट बना लेती है और फिर ये जेनेटिक तौर पर बेटियां पैदा करती है। इनमें अभिजात्य चीटियां भी होती हैं, जो हुकुम चलाती हैं और गुलाम चीटियां भी होती हैं।