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इस पारंपरिक डिजाइन में कपड़ों पर प्रिंट करने के लिए लकड़ी के ब्लॉकों का उपयोग किया जाता है, जिन पर कई डिजाइन खुदे होते हैं। ब्लॉक प्रिंटिंग राजस्थान और गुजरात में ज्यादा फेमल है।
बाटिक प्रिंट एक पारंपरिक कपड़ा कला है जो जटिल और डिटेल डिजाइनों के साथ जीवंत रंगों के लिए जानी जाती है।इसमें ज्यामितीय पैटर्न, अमूर्त डिजाइन और प्रकृति की छवियां होती हैं।
अजरक को सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह ब्लॉक-प्रिंटेड कपड़ा है जो कॉटन या सिल्क से बनाया जाता है। यह गुजरात के कच्छ क्षेत्र से जुड़ी सदियों पुरानी पारंपरिक कला है।
यह पारंपरिक टाई-डाई तकनीक है जो गुजरात और राजस्थान में फेमस है। कपड़े को धागे या छोटी गांठों का उपयोग कर कई पैटर्न में बांधकर बनाते हैं। सबसे आम पैटर्न बिंदु, वर्ग और पैस्ले हैं।
बाग प्रिंट जटिल और डिटेल डिजाइनों के लिए जानी जाती है। इसकी उत्पत्ति भारत के मध्य प्रदेश के गांव बाघ में हुई है। बाग प्रिंट में लकड़ी के ब्लॉक का उपयोग करके डिजाइन उकेरते हैं।
यह पारंपरिक भारतीय कला है जिसमें सूती या सिल्क पर हाथ से पेंटिंग या ब्लॉक-प्रिंटिंग होती है। कलमकारी नाम शब्द कलाम से आया है। इसकी उत्पत्ति आंध्र प्रदेश के गोलकुंडा से हुई थी।
इकत एक पारंपरिक भारतीय प्रिंट है। इकत प्रिंट की पहचान अक्सर उनके बोल्ड ज्यामितीय पैटर्न और चमकीले रंगों से होती है। ये अधिकतर आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना में पाए जाते हैं।
लहरिया राजस्थान राज्य से जुड़ी एक पारंपरिक कला है। जो लहरदार पैटर्न और जीवंत रंगों के लिए फेमस है। यह एक प्रकार का टाई-डाई कपड़ा है जो आमतौर पर कपास या रेशम से बनता है।