चैत्र नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित होता है, इस दौरान उन्हें घी और दूध का भोग लगाया जाता है। घी में हेल्दी फैट्स पाए जाते हैं और दूध कैल्शियम का सोर्स होता है।
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री का भोग लगाया जाता है। व्रत के दौरान चीनी की जगह मिश्री खाने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता और शरीर में एनर्जी बनी रहती है।
चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा मां को दूध से बनी चीजों का भोग लगाना चाहिए। आप समा की खीर या पंचामृत बना सकते हैं। यह गर्मी में हाइड्रेशन देने का काम करती है।
ये दिन मां कुष्मांडा को समर्पित होता है और इस दिन उन्हें सिंघाड़े या कुट्टू के आटे से बने मालपुआ का भोग लगाएं। व्रत के दौरान आप इसे खाकर एनर्जेटिक महसूस कर सकते हैं।
चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन स्कंदमाता का दिन होता है। इस दिन उन्हें केले का भोग लगाना चाहिए। केले में फाइबर और नेचुरल शुगर पाया जाता है जो व्रत में हमें इंस्टेंट एनर्जी देता है।
छठां दिन मां कात्यायनी को समर्पित होता है। इस दौरान उन्हें शहद का भोग लगाया जाता है। शहद नेचुरल शुगर का काम करती है और यह स्किन और बॉडी के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।
चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि को गुड का भोग लगाया जाता है। गुड शरीर में फाइबर और आयरन की कमी को पूरा करता है और यह पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है।
नवरात्रि के आठवें दिन मां गौरी को काले चने का भोग जरूर लगाया जाता है। काले चने में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, इससे डाइजेशन सिस्टम बेहतर होता है।
नवरात्रि के नौवे दिन मां सिद्धिदात्री को हलवा, पूरी, काले चने, मौसमी फल और खीर का भोग लगाया जाता है। यह खाना 9 दिन के व्रत के बाद खाने से बॉडी को एनर्जी मिलती है।