कौन नहीं चाहता कि उसकी जिंदगी सफलता से भरी हो। यदि आप हर काम में सफल होना चाहते हैं, समाज में मान-सम्मान पाना चाहते हैं तो आचार्य चाणक्य की यह सलाह आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
चाणक्य के अनुसार अगर कोई व्यक्ति कुछ स्थानों पर चुप रहना सीख ले तो, उसे सफलता आसानी से मिलती सकती है। चाणक्य नीति में 10 जगह बताए गए हैं, जहां एक व्यक्ति को हमेशा चुप रहना चाहिए।
अगर कहीं कोई झगड़ा हो रहा है और आपसे इसका कोई सीधा संबंध नहीं है, तो उसमें न पड़ें। बिल्कुल भी हस्तक्षेप ना करें इसमें शामिल होने से भविष्य में समस्याएं हो सकती हैं।
जब लोग खुद की तारीफ कर रहे हों, तो ऐसी जगह पर आपको भी चुप रहना चाहिए। यहां बोलना आपको अपमानित कर सकता है।
जब कोई तीसरे व्यक्ति के बारे में बुरा बोल रहा हो, तो आपको ऐसी जगह पर भी चुप रहना चाहिए। जो आज किसी की आलोचना कर रहा है, वह कल आपकी भी कर सकता है।
अगर आपके पास किसी विषय की पूरी जानकारी नहीं है तो उस विषय पर बोलने से बेहतर है कि चुप रहें, ताकि आप अनजाने में किसी को नुकसान ना पहुंचाएं।
अगर सामने वाला आपकी भावनाओं को नहीं समझ रहा है, तो चुप रहना जरूरी है क्योंकि ऐसे लोग आपकी भावनाओं की कदर नहीं कर सकते।
जब कोई अपनी समस्याएं शेयर कर रहा हो तो धैर्य पूर्वक उसकी बातें सुनें और चुप रहें। जब तक कि आप सही समाधान ना ढूंढ लें।
अगर कोई आपसे नाराज है, तो उसकी नाराजगी का सामना चुप रहकर करें। इससे उनका गुस्सा खुद ही शांत होगा और उन्हें अपनी गलती का एहसास होगा।
अगर किसी समस्या का आपसे संबंध नहीं है, तो उसके बारे में बोलने से बचें। बेवजह बोलने से अपमानित हो सकते हैं।
जो लोग बिना चिल्लाए खुद को व्यक्त नहीं कर सकते। उन पर चुप रहना बेहतर है चिल्लाने से दूसरों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
किसी के बारे में बेवजह बोलना हानिकारक हो सकता है, इसलिए अनुचित परिस्थितियों में चुप रहना ही समझदारी है।