चाणक्य नीति के अनुसार कुछ लोग आपकी बातें बड़े ध्यान से सुनते हैं, लेकिन उनके रिएक्शन से साफ पता चलता है कि वे या तो आपको गंभीरता से नहीं ले रहे या फिर सिर्फ दिखावा कर रहे हैं।
दिखावा करने वाले लोग अक्सर भरोसे के लायक नहीं होते। ऐसे में सतर्क रहना जरूरी है! आगे जानिए उन संकेतों के बारे में जिससे आप दिखावा करने वाले अपनों, दोस्तों को पहचान सकते हैं।
जो लोग बिना तर्क किए हर बात पर "हां, सही कहा!" बोलते हैं, वे सिर्फ आपको खुश करने के लिए सहमत होते हैं, असली राय नहीं देते।
अगर कोई हर बार आपकी बात सुनकर तुरंत "लेकिन..." कहकर विरोध करने लगता है, तो हो सकता है कि वे आपकी सोच को दबाना चाहते हों।
कुछ लोग आपकी गंभीर बात को सुनकर हंसने लगते हैं या ताने मारते हैं, ऐसे लोग कभी आपके अच्छे शुभचिंतक नहीं हो सकते।
जो लोग खुद की राय बनाने की बजाय यह देखने लगते हैं कि बाकी लोग क्या सोच रहे हैं, उन पर भरोसा न करें।
ऐसे लोग आपकी बात खत्म होते ही कोई नया टॉपिक छेड़ देते हैं, जिससे साफ जाहिर होता है कि वे आपकी बात को अहमियत नहीं देते।
कुछ लोग छोटी-छोटी बातों पर जरूरत से ज्यादा भावनात्मक हो जाते हैं, जिससे सही और गलत का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
ऐसे लोग आपके कहे को गलत अर्थ में पेश कर सकते हैं, जिससे गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं। ऐसे लोग आपके लिए खतरनाक हो सकते हैं।
सामने कुछ और, पीठ पीछे कुछ और कहने वाले लोग कभी भी भरोसे के लायक नहीं होते।