ससुराल में ससुर का रिश्ता पिता की तरह होना चाहिए। अगर आपका उनके साथ बेहतर तालमेल बैठता है तो आपको दूसरे पिता मिल जाएंगे। बस कुछ बातें उन्हें कभी ना बोलें।
बहू को अपने ससुर की तुलना रियल फादर से नहीं करनी चाहिए। उन्हें कभी नहीं बोलना चाहिए कि आप मेरे पिता जैसे नहीं हो। ये बातें उन्हें हर्ट कर सकती हैं।
बात-बात में ससुर के सामने ये बात नहीं बोलनी चाहिए कि मैं इस घर में पराई हूं। ससुराल में सबसे ज्यादा अगर आपका कोई समर्थन कर सकता है तो वो ससुर समान पिता होते हैं।
एक पिता की तरह ससुर बहू की चिंता करते हैं। इसलिए उनके साथ कभी भी बेरुखाई से बात नहीं करनी चाहिए। उन्हें ये ना बोले कि मेरी चिंता आपको करने की जरूरत नहीं है।
कई बार आपका पति के साथ अनबन हो जाता है। इस बीच जब ससुर पूछते हैं तो ये ना बोलें कि आपको दखल देने की जरूरत नहीं है। ये बातें उनके दिल को दुखा सकती है।
कई बार देखा गया है कि बहू अपने सा- ससुर को कहती है कि आपकी वजह से आपका बेटा बिगड़ हुआ है। कभी भी सास- ससुर की परवरिश पर उंगली ना उठाएं। इससे वो अंदर से दुखी हो जाते हैं।
हमेशा ससुराल में अपने रिश्तों का मान रखना चाहिए। सास-ससुर की छोटी मोटी बातों को बर्दाश्त करके उनके साथ अच्छा व्यवहार करके आप एक स्वर्ग सा सुंदर ससुराल बना सकती हैं।