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भारतीय कॉफी ने दुनिया में मचाई धूम, टॉप 3 में बनाई जगह

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दुनिया भर में स्वाद का बजाया डंका

हाल ही में, फिल्टर कॉफी को दुनिया के टॉप 38 में सर्वश्रेष्ठ कॉफी में दूसरा स्थान मिला, जिससे इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली।

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फिल्टर कॉफी का इतिहास

फिल्टर कॉफी की शुरुआत दक्षिण भारत में हुई, जहाँ कॉफी की खेती 17वीं सदी में बाबा बुदन द्वारा अरब से लाए गए कॉफी बीजों से शुरू हुई थी।

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बनाने की पारंपरिक विधि

फिल्टर कॉफी बनाने के लिए स्टील का पारंपरिक फिल्टर उपयोग होता है, जिसमें गर्म पानी कॉफी पाउडर से गुजरता है और धीरे-धीरे डार्क कॉफी तैयार होता है।

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दक्षिण भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा

फिल्टर कॉफी विशेष रूप से तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों में घरों, होटलों और कैफे में प्रमुख रहा है, जहाँ इसे नाश्ते के साथ पारंपरिक रूप से परोसा जाता है।

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परोसने की पारंपरिक विधि

फिल्टर कॉफी को विशेष स्टील या पीतल के 'डब्बा-टंबलर' में परोसा जाता है, जो इसे मिक्स करने और पीने के लिए इस्तेमाल होता है।

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फिल्टर कॉफी के साथ मिलाते हैं ये खास चीज

आमतौर पर फिल्टर कॉफी में 80% कॉफी और 20% चीकरी (chicory) का मिश्रण होता है, जो इसे एक अनोखा स्वाद और गाढ़ापन देने में मदद करता है।

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