इस बार 20 अक्टूबर को करवा चौथ का पर्व मनाया जाएगा। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए इस व्रत को रखेंगी। आप पहली बार करवा चौथ रख रही हैं तो कुछ नियम का पालन जरूर करें।
व्रत की शुरुआत सरगी की थाली से करना होता है। सास सरगी की थाली देती हैं जिसमें फेनिया, ड्राई फ्रूट्स, फल, मिठाई और जूस होते हैं। इसे सूर्योदय से पहले खाना होता है।
सरगी के दौरान खूब पानी, जूस, नारियल पानी पी लेना चाहिए। इसके बाद दिन भर कुछ भी नहीं खाना होता है और ना ही पानी पीना होता है। चांद निकलने के बाद व्रत को तोड़ने का नियम है।
पूजा के लिए जरूरी चीजें जैसे करवा, छलनी, दीपक, मिठाई, फल, और सिंदूर पहले से तैयार कर लें।श्रृंगार का सामान भी पूजा में शामिल करें, जैसे बिंदी, चूड़ियां, और कुमकुम।
पहली बार करवा चौथ कर रही हैं तो कोशिश करें कि लाल साड़ी पहनें। इसके अलावा आप पिंक, या फिर ट्रेडिशनल रंग की साड़ी या लहंगा पहन सकती हैं।
साड़ी पहनने के बाद 16 श्रृंगार जरूर करें। मांग टीका, नथिया, पायल, बिछिया, चूड़ी इन सभी को जरूर पहनें। ये सुहाग की निशानी होती हैं।
पहली बार करवा चौथ कर रही हैं तो मेहंदी हाथों पर जरूर रचाएं। मेहंदी भी सुहाग की निशानी मानी जाती है। इसके बिना सजना-संवरना बेकार है।
करवा चौथ के दिन पॉजिटिव रहना चाहिए। तनाव, गुस्से से बचें। दिन भर खुश रहें और मन को शांत रखें। क्योंकि यह व्रत आंतरिक शांति का प्रतीक भी है।
व्रत के दौरान खुद को बिजी रखने के लिए हल्के-फुल्के काम करें। जैसे पूजा की तैयारी करें। पति के साथ बातें करें। फैमिली के साथ समय बिताएं।
अगर करवा चौथ के दिन पति आपके साथ हैं तो फिर उनके साथ वक्त गुजारें। इससे रिश्ते में और गहराई आएगी।
करवा चौथ की कहानी जरूर सुनें। आप खुद से भी किताब पढ़ सकती हैं। अगर कहीं सामूहिक करवा चौथ की पूजा का आयोजन हो रहा है तो वहां चली जाएं।
चांद दिखें तो पहले उनकी पूजा करें। फिर पति की आरती उतारें। इसके बाद करवा का जल पति के हाथों से पिएं और अपना व्रत खोलें। हल्का फुल्का भोजन ही करें।