पक्षियों, तितलियों और मधुमक्खियों को आकर्षित करने वाले पौधे इस साल खूब लगाए गए। इससे लोगों में इकोसिस्टम को बैलेंस करने का मैसेज पहुंचाया गया।
छोटे गमलों को बबल रैप से ढकने का हैक भी खूब पसंद किया गया। यह ठंड से पौधों की जड़ों को सुरक्षित रखता है।
पौधों को सहारा देने के लिए पुराने कपड़े या धागे का इस्तेमाल करने की ट्रिक काफी ट्रेंड में रही। यह पौधों को बिना नुकसान पहुंचाए सही तरीके से ग्रो करने में मदद करता है।
पौधों के आसपास अखबार या कार्डबोर्ड बिछाने की ट्रिक, इसके ऊपर मिट्टी डालें। यह खरपतवार को उगने से रोकता है और मिट्टी की नमी बनाए रखता है।
छोटी जगहों में गार्डनिंग, जैसे बालकनी, छत या यहां तक कि खिड़की के किनारे प्लांट लगाना। शहरों में कम जगह के कारण इस टिप को खूब सराहा गया। इसमें हैंगिंग और मिनिएचर प्लांट्स लगाएं।
फलों और सब्जियों के छिलके, अंडे के छिलके और चायपत्ती को गार्डन में खाद के रूप में इस्तेमाल करने का खूब ट्रेंड रहा। यह पौधों को प्राकृतिक पोषण देता है और कचरे को भी कम करता है।
प्लास्टिक की बोतलों में छोटे-छोटे छेद करके इन्हें मिट्टी में गाड़ने की ट्रिक मिली। यह पौधों को धीरे-धीरे पानी देता है और जल बचाने में मदद करता है।
पुराने PVC पाइप में छेद करके उसमें पौधे लगाने का ट्रेंड इस साल छाया रहा। ये सस्ता और बहुत इफेक्ट आइडिया रहा। ये कम जगह में अधिक पौधे उगाने का आसान तरीका है।
इस्तेमाल किए हुए कॉफी ग्राउंड्स को मिट्टी में मिलाने का सस्ता हैक भी इसबार छाया रहा। यह मिट्टी की एसिडिटी को बढ़ाता है और नाइट्रोजन का अच्छा स्रोत है।
पुराने टिन, डिब्बों, या मटके को रंगकर गमले के रूप में इस्तेमाल करने को लेकर भी काफी अवेयरनेस इस साल आई। यह अपसाइकलिंग को बढ़ावा देता है और गार्डन को खूबसूरत बनाता है।
गार्डनिंग हैक में बताया गया कि अंडे के छिलकों को पीसकर पौधों के आसपास छिड़कें। यह कीड़ों और घोंघों से पौधों को बचाता है और कैल्शियम प्रदान करता है।
2024 में कम पानी वाली गार्डनिंग यानि ड्राई गार्डनिंग का भी ट्रेंड रहा। जल संरक्षण के प्रति जागरूकता को लेकर कैक्टस और सुक्यूलेंट जैसे पौधे उगाने के लिए मल्चिंग का इस्तेमाल किया।
इंडोर और आउटडोर स्पेस के लिए मॉस वॉल्स लगाएं। DIY वर्टिकल गार्डन सेटअप बनाएं। घर और ऑफिस स्पेस को ग्रीन बनाने के लिए दीवारों पर पौधों का डिजाइन भी बनाए।
इस साल ऐसे पौधे लगाने का भी खूब क्रेज रहा जो खाने योग्य हों, जैसे फल, सब्जियां, और जड़ी-बूटियां। हेल्दी और ऑर्गेनिक फूड के प्रति बढ़ती रुचि से मल्टी-लेयर प्लांटिंग का प्रयोग हुआ।