हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। शादीशुदा महिलाएं और कुंवारी लड़कियां इसे करती हैं।
इस व्रत को पति की लंबी उम्र के लिए की जाती है। जिन लड़कियों का विवाह नहीं होता है उनकी शादी का योग बन जाता है। अगर पहली बार तीज रख रही हैं तो पूजा के लिए इन चीजों का ध्यान रखें।
माता पार्वती के लिए हरे रंग की साड़ी, चुनरी, सिंदूर, चूड़ियां, कुमकुम, काजल, कंघी, बिछिया, मेहंदी,माहौर आइना, इत्र और सोलह श्रृंगार से जुड़ी चीजें होनी चाहिए।
पीला कपड़ा, बेलपत्र, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ,कलश , नारियल, सुपारी,अक्षत, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, धूप, श्रीफल, चंदन, गंगाजल, पंचामृत और मिठाई।
पौराणिक कथा में कहा गया है कि मां पार्वती ने महादेव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। शिव जी ने सावन के के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को उनकी पूजा स्वीकार की थी।
ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः, ऊँ गौरये नमः,ऊँ पार्वत्यै नमः।
हरियाली तीज पर आप हरे रंग की साड़ी या सूट पहन सकती हैं। इसके अलावा लाल और पीले वस्त्र को भी धारण कर सकती हैं। सफेद और ब्लैक कपड़े बिल्कुल ना पहनें।