महाकुंभ में इस बार आईआईटियन बाबा (अभय सिंह) खूब सुर्खियों में है, जिन्होंने मुंबई IIT से ऐरो स्पेस इंजीनियरिंग की थी और उसके बाद 3 साल नौकरी करने के बाद संन्यास लेने का फैसला किया।
महाकुंभ में तिरुवनंतपुरम से आए स्वर्णिम बाबा के शरीर पर 6 किलो सोने के गहने हैं, जो पूरे महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र है। बाबा नारायण स्वामी पूरे दिन में 5 घंटे की साधना करते हैं।
महाकुंभ में इस बार मध्य प्रदेश के दिगंबर विजयपुरी नाम के नागा साधु भी आए हैं। इन्होंने अपने मुकुट और शरीर पर सवा लाख रुद्राक्ष धारण करके रखे हैं।
लिलिपुट बाबा भी एक बौना बाबा हैं, जिनकी हाइट 3 फुट 8 इंच हैं। लिलिपुट बाबा ने 32 साल से नहाया नहीं है। बाबा गंगागिरी, असम के रहने वाले और खुद को जूना अखाड़े के साधु बताते हैं।
हठयोगी बाबा राधे पुरी बाबा के नाम से भी जाने जाते हैं, जो उज्जैन से हैं। उन्होंने साल 2011 में विश्व कल्याण के लिए अपने एक हाथ को ऊपर उठाकर रखा और आज तक इनका एक हाथ ऊपर ही है।
चाय वाले बाबा का नाम मौनी बाबा हैं। यह 41 साल से मौन है और केवल चाय पीकर ही अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। यह छात्रों को सिविल सर्विसेज एक्जाम की मुफ्त कोचिंग भी देते हैं।
महाकुंभ में इस बार डिजिटल बाबा भी आए हैं। यह मोबाइल ट्राइपॉड के साथ लेकर चलने वाले डिजिटल बाबा राम शंकर हैं। इन्होंने फिल्मी दुनिया से नाता तोड़कर सन्यास ग्रहण कर लिया है।
महाकुंभ में आए बौना बाबा की हाइट केवल ढाई फीट है और ये 75 साल के हैं। बौना बाबा महाराष्ट्र के रहने वाले हैं, ये हर समय ईश्वर की साधना में लीन होकर आराधना करते हैं।
बवंडर बाबा (विनोद बाबा) 14 साल की उम्र से ही सन्यासी हो गए। यह हिंदू आस्था के प्रतीक देवी देवताओं के चित्रों को कचरे में ना डालने के लिए लोगों को जागरूक करते हैं।