आपका समय सीमित , इसलिए किसी और के लिए जी कर इसे व्यर्थ ना करें।
दूसरे को सुधारने तब निकलना, जब खुद में कोई कमी ना हो। पहले अपनी कमियां ढूंढों। उसे ठीक करों । फिर दूसरे को सुधारने क काम करों।
किसी के पैरों में गिरकर कामयाबी पाने से बेहतर है, अपनी पैरों पर चलकर कुछ बनने की ठान लो।
कोई दिक्कत हो भगवान के सामने रो लों। वो आ जाएंगे। लेकिन दुनिया के सामने बिल्कुल भी मत रोना।
आप कोई काम ये मत सोचकर कीजिए कि पूरी दुनिया इससे आकर्षित होगी। काम ये सोचकर कीजिए कि भगवान को ये अच्छा लगेगा। अगर जब ईश्वर को काम पसंद आएगा तो समझ लीजिए पूरी दुनिया आपके पीछे हैं।
कुछ देने के लिए दिल बड़ा होना चाहिए, हैसियत नहीं।
अनुमान गलत हो सकता है, पर अनुभव गलत नहीं हो सकता है।
परोपकार करना, दूसरों की सेवा करनाऔर उसमें जरा भी अहंकार नहीं करना, यहीं सच्ची शिक्षा है।
लोगों से प्यार तो कब से करते आ रहे हैं, थोड़ा खुद से भी कर लेना चाहिए।
अगर कोई आपका दिल दुखाए, बुरा बोले तो उसे सबसे अच्छा जवाब देने का तरीका है चुप हो जाना।