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कनेर का पौधा सभी जगहों पर देखने को मिलता है। खासकर तालाबों के किनारे में और ज्यादातर मंदिरों में यह पौधा देखने को मिलता है। जानें इसके 7 औषधीय लाभ।
कनेर के पौधे की जड़, सौंफ और करंज के पत्ते को पीसकर पानी में मिलाकर आंखों में लेपन करने से संबंधित रोगों में लाभ होता है।
इसी तरह काला धतूर, सफेद कनेर की जड़ को पीसकर तेल में मिलाकर पक्षाघात के रोगियों में लगाने से लाभ होता है।
कनेर के फूल और आंंवले को पीस कर ठंडे पानी के साथ मिलाकर सिर में लगाने से दर्द में राहत मिलती है।
कनेर की जड़ को पीसकर ठंंडे पानी के साथ लगाने से अर्श रोगों में लाभ होता है।
सफेद कनेर के फूलों को पीसकर चेहरे में लगाने से सुंदरता बढ़ती है। दाद होने पर लगाएं कनेर के पत्ते का आप इस्तेमाल कर सकते हैं।
कनेर के ताजा फूल 50 ग्राम, 200 ग्राम जैतून तेल और 100 ग्राम के अन्य तेल के मिश्रण को दर्द वाले नसों पर मालिश करने से लाभ होता है।
इसी तरह यह चर्म रोग, कुष्ठ रोग, खुजली, सर्प दंश, कृमि रोग और कफ वात नाशक होती है।