केदारनाथ मंदिर में स्थित शिवलिंग त्रिकोण के आकार का है। खास बात ये है कि शिवलिंग प्राकृतिक है जो धरती से खुद उभरकर बाहर आया है
मंदिर चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। कहते हैं कि यहां दर्शन करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
2013 में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण केदारनाथ के आस-पास बहुत ज्यादा नुकसान हुआ था। लेकिन ये मंदिर जस का तस अपनी जगह पर टिका रहा था।
कहते हैं कि केदारनाथ की खोज पांडवों ने की थी वह अपने पापों की मुक्ति पाने के लिए भगवान को खोजते हुए यहां पहुंचे थे।
ऐसा बताते हैं कि मंदिर का गर्भगृह 8वीं शताब्दी के लगभग का है। केदारनाथ मंदिर 6 महीने बंद रहता है और कपाट बंद कर एक दीपक जलाया जाता है जो कि 6 महीने बाद भी जलता हुआ ही मिलता है।
धर्म पुराणों में बताया गया है कि भविष्य में केदारनाथ लुप्त हो जाएगा और रहस्य बनकर रह जाएगा।
केदारनाथ मंदिर से करीब आधा किलोमीटर दूर भैरवनाथ का मंदिर है जो कि केदारनाथ की सुरक्षा करते हैं।