दक्षिण भारत के इतिहास में पट्टू साड़ी का समृद्ध इतिहास रहा है। पट्टू साड़ी की उत्पत्ति तमिलनाडु के कांचीपुरम, उत्तर प्रदेश के बनारस और कर्नाटक के मैसूर से जुड़ी है।
प्योर जरी बॉर्डर से तैयार पट्टू साड़ी में एनिमल मोटिफ्स के साथ ही आर्ट से जुड़े काम देखने को मिलते हैं। दक्षिण की एक्ट्रेस शोभिता धुलिपाला ने गोल्ड पट्टू साड़ी पहन शादी की।
गोल्ड और सिल्वर के मटैलिक धागों का इस्तेमाल कर साड़ी में डीटेलिंग की जाती है। पट्टू साड़ी में भारतीय संस्कृति के साथ पौराणिक कथा भी देखने को मिलती है।
चमकदार रेशम से बनी रेड बॉर्डर की साड़ी देखने में खूब लगती है। आप ऐसी साड़ियों में हल्की ज्वेलरी पहनकर भी शादी के दिन खूब हसीन दिख सकती हैं।
पट्टू साड़ियों में एक सा रंग देखने को नहीं मिलता है। आप गोल्ड पट्टू साड़ी के साथ डिफरेंट कलर के बॉर्डर चुन दुल्हन के रूप में अति सुंदर दिखेंगी।
गोल्ड पट्टू साड़ी में आपको कई पैटर्न मिल जाएंगे। आप चाहे तो पूरी गोल्ड साड़ी चुनें या फिर डिफरेंट कलर के बॉर्डर भी आपके दुल्हन रूप को निखार देंगे।