लिपस्टिक में इस्तेमाल होने वाला लेड न्यूरल डैमेज यानी दिमाग संबंधी क्षति की वजह बन सकता है। लेड की वजह से याददाश्त कम हो सकती है व नर्व ट्रांसमिशन में बाधा पहुंच सकती है।
लिपस्टिक में मौजूद लेड शरीर में कैल्शियम की पूर्ति को बाधित कर सकता है। एलर्जी और डर्मेटाइटिस, खुजली, सूजन और लाल चकत्ते हो सकते हैं। इसका कारण लिपस्टिक में मौजूद केमिकल होता है।
केमिकल हार्मोनल इंबैलेंस के लिए भी जिम्मेदार माने जाते हैं। बताया जाता है कि लिपस्टिक का उत्पादन करते समय इस्तेमाल होने वाले रसायन शरीर के हार्मोन्स का असंतुलित करते हैं।
लिपस्टिक में मौजूद विभिन्न केमिकल की वजह से बांझपन की समस्या हो सकती है। केमिकल मुंह के रास्ते से पेट में पहुंचते हैं। यह बांझपन जैसी परेशानी उत्पन्न कर सकते हैं।
लेड की वजह से यह गर्भावस्था के लिए भी खतरनाक हो सकता है। यह गर्भवती महिला और उसके भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी वजह से गर्भपात तक की समस्या हो सकती है।
एक रिसर्च के मुताबिक होठों की लिपस्टिक में कई केमिकल का इस्तेमाल होता है। होठों से लिपस्टिक पेट तक पहुंचती है जिससे पेट में दर्द, किडनी और लिवर संबंधी समस्या हो सकती है।