सुहागिन महिलाएं अनजाने में कुछ अपशगुन करती हैं जो वैवाहिक जीवन में समस्याएं ला सकता है। शादीशुदा महिलाओं को काली बिंदी नहीं लगानी चाहिए वरना उसका नकारात्मक असर होता है।
हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं के लिए सफेद और काला रंग अशुभ माना जाता है। पति की मृत्यु के बाद ही महिलाएं सफेद साड़ी पहनती हैं। वहीं कुछ धर्मों में सफेद रंग पहनना शुभ माना जाता है।
सुहागिन महिलाओं को भूल कर भी टूटी बिछिया नहीं पहननी चाहिए। इसे शास्त्र में बड़ा अपशगुन मानते हैं। साथ ही अंगूठे की दूसरी और तीसरी उंगली में बिछिया पहननी चाहिए।
शास्त्रों की मानें तो सुहागिन महिलाओं को भूल कर भी नहाने के पहले बाल झाड़कर इधर-उधर फेंकना नहीं चाहिए। इससे परिवार में कलेष बढ़ता है।
रोजाना मांग भरना सुहागिन महिलाओं के वैवाहिक रिश्तों को मजबूत बनाता है वहीं गीले बाल मांग भरने से पति से रिश्ता कमजोर होता है और झगड़े बढ़ते हैं।
कभी भी अपना सिंदूर उधार में दूसरी महिला को न दें। इसे भी सुहागिन महिला के लिए अपशगुन ही माना जाता है। न ही कभी दूसरी महिला का सिंदुर मांग में भरें।
विष्णु भगवान का वास सोने में माना जाता है। कमर के नीचे सोना पहनना अशुभ होता है। जिन सुहागिन महिलाओं को जानकारी नहीं होती है वो सोने की बिछिया और पायल पहनती लेती है।
पति और परिवार के सौभाग्य के लिए विवाहित महिलाओं का कांच की चूड़ियां पहनना अहम माना जाता है। ज्योतिष के सिर्फ अनुसार प्लास्टिक या अन्य मैटीरियल की चूड़ियां नहीं पहननी चाहिए।