निपाह वायरस का संक्रमण तेजी से भारत में फैल रहा है। यह मूल रूप से एक जूनोटिक बीमारी है जो जानवरों से मनुष्यों में फैलती है। निपाह वायरस को लेकर अलर्ट जारी किए जा चुके हैं।
निपाह वायरस से पीड़ित व्यक्ति 3 से 14 दिनों तक तेज बुखार की चपेट में रहता है। इसके साथ-साथ पीड़ित व्यक्ति के सिर में तेज दर्द होता है। इसीलिए अब बुखार को हल्क में ना लें।
लगातार बुखार आना और तेज सिरदर्द होने के अलावा श्वसन संक्रमण, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, बेहोशी और मस्तिष्क में सूजन इसके लक्षण हैं।
यह रोग पैदा करने वाला जीव पैरामाइक्सोविरिडे परिवार, जीनस हेनिपावायरस का एक RNA वायरस है। यह हेंड्रा वायरस से संबंधित है जो घोड़ों, मनुष्यों में तीव्र श्वसन संक्रमण का कारण बनता है।
निपाह वायरस के बारे में पहली बार 1998 में मलेशिया के कंपंग सुंगाई में पता था। जो सूअर के कारण फैला था और कई लोग इसकी चपेट में आए थे।
2004 में बांग्लादेश में कुल लोग इससे प्रभावित हुए थे। उस समय चमगादड़ की वजह से वायरस फैला था। अब निपाह एक इंसान से दूसरे इंसान तक फैलता है। यह इंसान और जानवर दोनों में हो रहा है।