नागपंचमी में सांप की पूजा और दूध पिलाने की रस्म निभाई जाती है। लेकिन क्या वाकई सांप दूध पीता है। इसके पीछे का सच जानकर रुह कांप जाएगी।
नागपंचमी के दिन सपेरे सांप को लेकर घर-घर घूमते हैं और लोग सांप को दूध पिलाकर आशीर्वाद मांगते हैं। लेकिन सांप क्यों उनके दूध को पीने लगते हैं ये जानकर होश उड़ जाएंगे।
सपेरे सांप के विष वाले दांत को तोड़ देते हैं और जहर की थैली निकाल लेते हैं। जिसकी वजह से उनके मुंह में घाव बन जाता है। इतना ही नहीं वे इन्हें कई दिनों तक भूखा-प्यासा रखते हैं।
नागपंचमी में भूखा प्यासा सांप दूध को पानी समझकर पी लेता है और घाव में मवाद भर जाता है। जिसकी वजह से कुछ दिन के भीतर ही सांप की मौत हो जाती है।
सांप एक मांसाहारी जानवर है। वो चूहे और अन्य कीट पतंगों को खाकर जिंदा रहता है। वो दूध नहीं पीता है। दूध उसके लिए जहर का काम करता है।
सांप को दूध पिलाना वास्तव में उनके लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि उनका पाचन तंत्र इसे प्रभावी ढंग से पचाने के लिए डिजाइन नहीं किया गया है।
आप नागपंचमी में सांप की मूर्ती बनाकर दूध पिलाने की रस्म को निभा सकते हैं। शास्त्रों में नाग को दूध पिलाने का उल्लेख नहीं है। बल्कि उनके ऊपर दूध का छिड़काव किया जाता है।