कोच्चि दर्शनीय स्थल को अरब सागर की रानी भी कहा जाता है। देर रात तक आनंद प्राप्ति के लिए पब और शॉपिंग आपको यहां आसानी से मिल जाएंगी। यहां आपकी यात्रा बेहद रंगीन हो जाएगी।
पूर्व का वैनिस कहा जाने वाला ये स्थान केरल की सबसे आकर्षक जगह है। बैकवॉटर यात्रा हर साल यात्रियों को आकर्षित करती है। नारियल के पेड़ों से होकर गुजरती नाव सुकून देती है।
यह स्थान पेरियर वन्यजीव अभ्यारण के लिए लोगों के बीच ज्यादा लोकप्रिय है। यह बहुत-से विलुप्त जानवरों और 200 से भी अधिक पक्षियों का निवास स्थान है।
केरल जाने वाले त्रिशूर ना घूमे तो आपकी यात्रा अधूरी ही मानी जाएगी। केरल की शास्त्रीय कला और संस्कृति को अपने जहन तक उतारना चाहते है तो, ये स्थान आपके ही इंतजार में बैठा है।
ये तीन बीच हैं- लाईटहाऊस बीच, समुद्र बीच व हवाह बीच जो इसके सौंदर्य को चौगुना करते हैं। ये पूरा इलाक़ा लंबे-लंबे नारियल के पेड़ों से घिरा हुआ है इसलिए यहां ताजा नारियल मिलेंगे।
बादलों को स्पर्श करते पहाड़ आपको ऐसा एहसास कराऐंगे कि, आपके हाथ उठाते ही आप बादलों को अपनी मुट्ठी में समेट लेंगे। शादीशुदा कपल के लिए ये बेहद खूबसूरत जगह मानी जाती है।
भीनी-सी खुशबू जो आपके नाक से होते हुए जहन में जा बसेगी वो खुशबू है- कॉफी की। आसपास का इलाका हरियाली से परिपूर्ण है जहाँ चाय, कॉफी व इलाईची की खेती की जाती है।
शोभायमान द्वीप है जो थिरुवनंनथपुरम से 27 किमी की दूरी पर है। रेत आनंदमयी वातावरण और मचलती हवा का संगम मदहोश कर देने वाला है। अरब सागर, नेय्यर नदी और भूमि आपस में मिलती है।
भगवान विष्णु के इस मंदिर को बड़ी ही कलाकारी से बनाया गया है। जीवंत हो उठने वाली मूर्तियां व वास्तुकला मंदिर के हर एक कोने को जागृत करती है। यह देश का सबसे प्राचीन विष्णु मंदिर है।
केरल के पर्यटन स्थल में शामिल ये स्थान केरल की सबसे ज़्यादा हरियाली युक्त जगह है। प्रकृति और मानव-निर्मित साधनों का ये बहुत उम्दा मिश्रण है।