प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पॉडकास्ट होस्ट लेक्स फ्रिडमैन से बातचीत में अपनी जिंदगी के नजरिए को शेयर किया।
कहा- मुश्किलें असल में हमारी सहनशक्ति की परीक्षा होती हैं। इसे एक अवसर के रूप में देखना चाहिए।
पीएम मोदी ने युवाओं को सीधा संदेश दिया-धैर्य रखें, जिंदगी में कोई शॉर्टकट नहीं होता। उन्होंने कहा कि चुनौतियां असली होती हैं, लेकिन हालात हमें परिभाषित नहीं करते।
उन्होंने समझाया कि किसी भी इंसान को पहले यह विश्वास रखना चाहिए कि उसे किसी ऊंची शक्ति ने एक उद्देश्य के साथ भेजा है।
पीएम मोदी ने अपनी सोच बताते हुए कहा, मैं कभी अकेला महसूस नहीं करता। मैं 1+1 के सिद्धांत में विश्वास करता हूं- एक मोदी और दूसरा ईश्वर।
उन्होंने कहा कि उनके साथ हमेशा 140 करोड़ भारतीयों का समर्थन और ईश्वर का आशीर्वाद है।
उन्होंने बताया कि कठिनाइयों को हार का कारण नहीं, बल्कि ताकत बनाने का जरिया मानना चाहिए। हर कठिनाई एक परीक्षा होती है, यह हमें पराजित करने नहीं, बल्कि और निखारने आती है।
पीएम मोदी ने खासतौर पर युवाओं को संदेश दिया कि जीवन में सीखना कभी बंद नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, जब तक मैं जीवित हूं, मुझे कुछ न कुछ सीखते रहना है।
उन्होंने हिंदी भाषा सीखने का अपना अनुभव शेयर किया और बताया कि यह उनकी मातृभाषा नहीं थी, लेकिन उन्होंने इसे पूरी मेहनत से सीखा।
पीएम मोदी ने युवाओं को सलाह दी कि वे सिर्फ कुछ बनने के बजाय कुछ करने पर फोकस करें। कहा, लोग बड़े लक्ष्य तय कर लेते हैं और अगर वे थोड़ा पीछे रह जाते हैं, तो निराश हो जाते हैं।
उन्होंने समझाया कि अगर कोई सिर्फ 'कुछ बनने' का सपना देखता है और वह पूरा नहीं होता, तो उसकी उपलब्धियां भी उसे बोझ लगने लगती हैं।
लेकिन अगर आप कुछ करने पर ध्यान देंगे, तो अगर आपका लक्ष्य 10 तक पहुंचने का है और आप 8 तक पहुंचते हैं, तो भी आप हिम्मत नहीं हारेंगे।
इसलिए, जरूरी है कि हम अपने जीवन का दृष्टिकोण सही रखें और हमेशा कुछ नया करने की कोशिश करें।