यह तो हम सभी जानते हैं कि भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाया जाता है, लेकिन बेलपत्र के अलावा उन्हें कई और पत्तियां अर्पित की जा सकती हैं आइए हम आपको बताते हैं...
शमी के पत्ते भगवान शिव को बहुत प्रिय होते हैं। कहते हैं कि शमी के पत्ते शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
अपामार्ग के पत्ते भी भगवान शिव को अर्पित करना चाहिए, इसे चिरचिटा के पौधे के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं कि अपामार्ग के पत्ते चढ़ाने से सुख, शांति और समृद्धि आती है।
सावन सोमवार के दिन भगवान शिव को पीपल के पत्ते चढ़ाने से सुख समृद्धि प्राप्त होती है। इतना ही नहीं सोमवती अमावस के दिन भी पीपल के पेड़ और शिवजी की पूजा करनी चाहिए।
धतूरे के फल के अलावा इसके पत्ते भी भगवान शिव को अर्पित किए जा सकते हैं। अगर आपके पास धतूरे का फल नहीं है तो इसकी जगह आप भोलेनाथ को इसके पत्ते या फूल भी अर्पित कर सकते हैं।
भगवान शिव को सावन में भांग के बीज के अलावा इसके पत्ते भी चढ़ाए जा सकते हैं। सावन में भगवान शिव को भांग अर्पित करने का विशेष महत्व होता है।
गणेश जी की तरह ही भगवान शिव को दूर्वा यानी कि दूव की घास चढ़ाने का विशेष महत्व है। कहते हैं कि यह अमृत के समान होती है और इससे लंबी आयु मिलती है।
मान्यताओं के अनुसार, संतान सुख के लिए भगवान शिव की पूजा के दौरान बांस के पत्ते अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं।
आक या आंकड़े के पत्ते भी शिवजी को चढ़ा सकते हैं। इसके लिए 7, 9, 11 या 21 पत्तियों पर चंदन से इस पर सीताराम लिखें और शिवजी को अर्पित करें।