देवी-देवताओं को भोग लगाने को लेकर धर्मग्रंथों में कुछ जरूरी नियम दिए गए हैं। मसलन कैसे बर्तन में भोग लगाना चाहिए।क्या मंत्र बोलना चाहिए आइए बताते हैं।
ईश्वर को हमेशा बिना प्याज लहसून वाले खाने का भोग लगाना चाहिए। मिठाई, ड्राई फ्रूट्स और फल ईश्वर को अर्पित कर सकते हैं।
भगवान को भोग लगाने के लिए सोने, चांदी, पीतल, कांसा का बर्तन इस्तेमाल करना चाहिए। लोहे, एल्यूमीनियम और स्टील के बर्तन में भोग नहीं लगाना चाहिए।
त्वदीयमं वस्तु गोविंद तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।। भोग लगाते वक्त इस मंत्र का करें जाप। सही उच्चारण के साथ मंत्र को बोलना चाहिए।
हे ईश्वर...मेरे पास जो भी है , आपका दिया है हुआ है।आपका दिया हुआ आपको समर्पित कर रहा हूं।कृपया इसे ग्रहण करें और मुझ पर प्रसन्न हों।
भोग लगाने के तुरंत बाद इसे भगवान के सामने से हटा नहीं लेना चाहिए। बल्कि थोड़ी देर वहां छोड़ देना चाहिए। इसके बाद प्रसाद को बांटकर खाना चाहिए।