भारतीय परंपरा में साड़ियों का इतिहास सदियों से चला आ रहा है। राजघराने की महिलाएं भी साड़ी ही पहना करती थीं।
राजघराने की रानियों के लिए ऐसी वैसी साड़ी नहीं बल्कि स्पेशल साड़ी तैयार की जाती थी, जिसमें खूबसूरत नक्काशी और सोने-चांदी के तार का काम किया जाता था।
राजघराने की रानियों के लिए चंदेरी साड़ी की स्पेशल बुनाई की जाती थी, जिसमें सोने-चांदी के तार का इस्तेमाल किया जाता था और कशीदाकारी के साथ इसे बनाया जाता था।
राजघराने की महिलाओं के लिए जब साड़ी बनाई जाती थी, तो उसमें बेशकीमती नगीने भी जोड़े जाते थे। यह साड़ियां राजघराने की महिलाएं खास मौके पर पहना करती थीं।
इन बेशकीमती चंदेरी की साड़ी को बनाने के लिए राजघराने के कारीगर भी विशेष होते थे, जो आम लोगों के लिए उपलब्ध भी नहीं होते थे।
राजघराने की रानियों के लिए जब साड़ी बनाई जाती थी, तो एक-एक साड़ी को बनने में कई महीने लग जाते थे, क्योंकि इसमें बहुत ही बारीक नक्काशी और जरी का काम होता था।