घर का हर सदस्य नियम से तुलसी के पौधे पर लोटा भर जल चढ़ाएगा तो तुलसी का खराब होना तय है। अधिक नमी के कारण वह खराब हो सकता है। इसलिए पौधे की मिट्टी सूखने लगे तब जल चढ़ाएं।
सर्दियों के मौसम में शाम के वक्त जब तापमान गिरना शुरू हो और ओस गिर रही हो उस वक्त तुलसी को एक कॉटन के कपड़े से कवर कर दें। इससे उसे ओस से बचाया जा सकता है।
मिट्टी के साथ तुलसी के पौधे को रोपने के लिए बालू का भी इस्तेमाल करें। ताकि इसमें पानी के निकलने का सिस्टम सही रहे। गमले में पहले मौरंग की लेयर डालें और बाद में मिट्टी की।
पानी में हल्दी घोल कर उसका स्प्रे तैयार कर लें और हर 2 दिन में तुलसी के पत्तों पर इस मिश्रण को स्प्रे करें। ऐसा करने से तुलसी के पत्तों में लगे कीड़े मर जाएंगे।
जैसे ही पौधे में मंजरी निकलना शुरू हो वैसे ही उसे हटा दें। मंजरी निकलने से पेड़ की ग्रोथ बंद हो जाती है।
पानी में गौमूत्र मिला कर भी आप इस मिश्रण का छिड़काव कर सकते हैं। गौमूत्र में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो तुलसी की कोशिकाओं को मजबूती देते हैं, जिससे पेड़ हरा-भरा रहता है।