कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह होता है। इस साल 24 नवंबर को तुलसी विवाह है। सूर्यास्त के बाद तुलसी जी का शालिग्राम जी से शादी कराया जाता है।
तुलसी विवाह कराने से वैवाहिक जीवन की दिक्कतें दूर होती हैं। रिश्तों में प्यार और विश्वास बढ़ती है। तुलसी विवाह के दौरान कुछ खास बातों का ख्याल रखना चाहिए।
तुलसी जी और शालिग्राम जी का गठबंधन लाल चुनरी और पीला कपड़ा से करना चाहिए। मां तुलसी पर लाल चुनरी रखें और शालिग्राम पर पीला कपड़ा और तब गठबंधन करें।
विवाह के दिन तुलसी जी पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। मां तुलसी इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं।
पूजा के समय भगवान शालिग्राम पर दक्षिण की ओर खड़ा होकर अक्षत चढ़ाना चाहिए।
शालिग्राम भगवान को मां तुलसी के गमले में रखें। शादी के बाद उनपर तिल चढ़ाना चाहिए। इससे भगवान शालिग्राम प्रसन्न होते हैं।
तुलसी विवाह के दौरान तुलसी के पौधे की 11 बार परिक्रमा करनी चाहिए। इससे शादीशुदा जिंदगी में खुशहाली आती है। मतभेद का अंत हो जाता है।