वाराणसी के गंगा नदी के किनारे बना दश्वमेघ घाट पूरी दुनिया भर में फेमस है। यहां पर भव्य गंगा आरती हर रोज किया जाता है।
मणिकर्णिका घाट वाराणी के गंगा नदी के किनारे बना है। यहां पर मरने के बाद दाह-संस्कार किया जाता है। मान्यता है कि यहां अंतिम संस्कार करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
प्रयागराज में त्रिवेणी संगम घाट स्थित है। गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल पर बना यह घाट बेहद पवित्र माना जाता है। कुंभ का मेला यहां लगता है।
हरकी पौड़ी हरिद्वार का मुख्य घाट है। कहा जाता है कि यहां पर आकर जो गंगा स्नान करता है उसके सारे पाप धुल जाते हैं। यहां पर एक पत्थर पर श्री हरि के पदचिन्ह हैं।
वाराणसी स्थित पवित्र अस्सी घाट के बारे मान्यता है कि जब माता दुर्गा की तलवार गिरी तो उसी से अस्सी नदी का उद्गम हो गया था। यह भी काफी पवित्र घाट है ।
पंचगंगा घाट काशी में स्थित है। मान्यता है कि यहां गंगा, यमुना, सरस्वती, धूतपापा और किरणा नदियों का संगम है। इस घाट को बेहद पवित्र माना गया है।
मणिकर्णिका घाट के समान, इस घाट का उपयोग भी दाह संस्कार के लिए किया जाता है। इसका नाम राजा हरिश्चंद्र के नाम पर रखा गया है, जो अपनी सच्चाई और बलिदान के लिए जाने जाते थे।