Hindi

गदवाल से पट्टचित्र तक, 5 विंटेज साड़ियों का जानें रॉयल इतिहास

Hindi

400 साल पुरानी कांजीवरम साड़ी

कांजीवरम साड़ी का इतिहास 400 साल पुराना है। तमिलनाडू के पास कांजीपुरम गांव में क्योंकि इन साड़ियों को बनाया जाता है इसलिए इनका नाम कांजीवरम है। 

Image credits: Social media
Hindi

10-15 लाख रुपए कीमत

कांजीवरम साड़ी, मलबरी सिल्क और जरी के धागों से बनाई जाती है। इस साड़ी की कीमत 7000 से लेकर 2 लाख रुपय तक होती है। अगर बड़े डिजाइनर की कांजीवरम लेंगी तो कीमत 10-15 लाख हो सकती है।

Image credits: instagram
Hindi

पट्टचित्र साड़ी क्या है?

जिस साड़ी पर चित्र बनें हों वो पट्टचित्र साड़ी होती है। ऐसे वैसे नहीं बल्कि mythology और folk चित्र बने होते हैं। एक पट्टचित्र साड़ी को बनने में कई महीनों का समय लगता है।

Image credits: pinterest
Hindi

हाथ से होती है पेंटिंग

इस साड़ी पर हाथ से पेंटिंग की जाती है। ये खास साड़ियां उड़ीसा में बनायी जाती है। पट्टचित्र साड़ियों की कीमत 2000 रुपये से लेकर 40000 रुपये तक होती है।

Image credits: social media
Hindi

बांगलादेश में बनती है जामदानी साड़ी

जामदानी साड़ी शब्द दो शब्दों जाम और दानी को मिलाकर बना है। जाम का मतलब है फूल और दानी का मतलब होकी है गुलदस्ता। जामदानी साड़ी ढाका और बांगलादेश में बनायी जाती हैं।

Image credits: Instagram
Hindi

अर्थशास्त्र में तीसरी सदी में जिक्र

इस साड़ी का जिक्र चाणक्या के अर्थशास्त्र में तीसरी सदी से मिलता है। तब से अब तक इस साड़ी की पहचान वैसे ही बरकरार है। इसे 2500 हजार से लेकर 10000 हजार रुपये तक में खरीद सकती हैं।

Image credits: Our own
Hindi

कलमकारी साड़ी क्या है?

जिस साड़ी पर कलम से कारीगरी की जाती है उस साड़ी को कलमकारी साड़ी कहते हैं। इमली की शाखाओं से बनें पेन और चारकोल की पेंसिंल से इस कारीगरी की किया जाता है। 

Image credits: social media
Hindi

3 हजार साल पुरानी कारीगरी

3 हजार साल पुरानी कारीगरी को आन्ध्रा और तमिलनाडू में बनाया जाता है। साड़ी के धागों को गाय के गोबर और दूध मिलाकर कलर बनाते हैं। इसकी कीमत 600 रुपये से लेकर 100,000 रुपये तक होती है।

Image credits: social media
Hindi

गदवाल साड़ी की पहचान

गदवाल और तेलंगाना में खासकर बनाई जाने वाली ये साड़ी लाइट वेट होती है। ये साड़ी इतनी पतली और मुलायम होती है कि प्योर गड़वाल साड़ी तो माचिस की डिब्बी में भी पैक हो जाती है।

Image credits: social media
Hindi

इंडिया के बाहर भारी डिमांड

इस साड़ी का पल्ला और बॉर्डर अलग से बुना जाता है। इंडिया के अलावा इसकी डिमांड अमेरिका, लंदन और यूरोप के कई देशों में है। गदवाल सिल्क साड़ी 7000 रुपये से शुरू होकर लाखों तक बिकती है।

Image Credits: social media