साउथ इंडियन ब्राइड का शृंगार ट्रेडिशनल टेम्पल ज्वेलरी के बिना अधूरा है। हालांकि आजकल सिर्फ शादी ही नहीं इसे फैशनेबल तौर पर भी खूब पहना जाने लगा है।
टेम्पल ज्वेलरी में साउथ इंडियन देवी-देवताओं को डिपिक्ट किया जाता है। इसलिए यह साउथ इंडियन कल्चरल हेरिटेज का एक अभिन्न हिस्सा है।
इस जूलरी की उत्पत्ति चोल और पांड्य राजवंशों में हुई थी। पहले आभूषण साउथ इंडिया में मंदिरों को दिए गए कीमती धातु के दान से बनाए जाते थे। इससे देवता और राजघरानों को सजाया जाता था।
कई लोगों ने इन गहनों की रेप्लिका का उपयोग करना शुरू कर दिया। अब टेम्पल ज्वेलरी ऐसा पीस बन गया जो धार्मिक भावना को जगाता है और इसीलिए ये साउथ कल्चर का अभिन्न हिस्सा है।
साउथ इंडियन दुल्हनों के लिए टेम्पल जूलरी पहनना महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि यह आपके जीवन में एक दिव्य उपस्थिति की भावना दर्शाता है। इसे परंपरा के तौर पर फॉलो किया जा रहा है।
अब शादी दिन के अलावा भी टेम्पल जूलरी को खूब पहना जाता है। ट्रेडिशनल और मॉर्डन दोनों लुक पर इसके हार, झुमके, मांग टिक्का और चूड़ियां खूब सूट होती हैं।