आखिर क्यों महिलाएं नहीं काटती कद्दू, जानें परंपरा से जुड़ी कहानी
Other Lifestyle Jun 13 2023
Author: Nitu Kumari Image Credits:pexels
Hindi
कद्दू में पाया जाता है कई पोषक तत्व
कद्दू में प्रोटीन, आयरन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट,सोडियम , फोलेट, विटामिन सी और ई पाया जाता है। इसमें कैलोरी भी भरपूर मात्रा में होती है। सेहत के लिए यह काफी फायदेमंद सब्जी होता है।
Image credits: pexels
Hindi
सनातन धर्म में कद्दू को लेकर कुछ नियम
सनातन धर्म में कुम्हड़ा को सात्विक पूजा में बलि का प्रतिरूप माना गया है। इसलिए महिलाओं से जुड़े कुछ नियम बनाए गए हैं।
Image credits: pexels
Hindi
महिलाएं नहीं काटती
महिलाएं कुम्हड़ा को पहली बार में नहीं काटती हैं। पुरुष पहले उसपर चाकू लगाते हैं फिर महिलाएं काटकर उसकी रेसिपी बनाती हैं।
Image credits: pexels
Hindi
स्त्री को माना गया है सृजनकर्ता
सनातन धर्म में स्त्री को सृजनकर्ता माना गया है। ना कि संहारकर्ता। वो जन्म देती है, वो मां है। इसलिए वो बलि नहीं दे सकती है। कुम्हड़ा बलि का प्रतिक होता है।
Image credits: pexels
Hindi
कुम्हड़ा को अकेला नहीं काटा जाता है
कुम्हड़ा से जुड़ा नियम यह भी कि इसे अकेला नहीं बल्कि जोड़ा में काटा जाता है। अगर एक काटना है तो फिर नींबू या आलू के साथ उसे काटा जाता है।
Image credits: Instagram
Hindi
छत्तीसगढ़ में इसे ज्येष्ठ पुत्र माना गया है
छत्तीसगढ़ में इस सब्जी को बड़े सम्मान के साथ देखा जाता है। इसे ज्येष्ठ पुत्र माना जाता है। कई आदिवासी समाज की महिलाएं तो इसे बिल्कुल भी नहीं काटती हैं।
Image credits: pexels
Hindi
कुम्हड़ा के पत्ते से लेकर फूल की रेसिपी
कुम्हड़ा एक ऐसी सब्जी है जिसके पत्ते का साग बनाने में और फूल का पकौड़ा बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। कुम्हड़ा की कई तरह की रेसिपी भी बनती है। जो काफी हेल्दी होती है।