छठ पूजा में महिलाएं खास तौर पर नारंगी सिंदूर से अपनी मांग भरती हैं। लाल सिंदूर की जगह हर महिलाओं के नाक से मांग तक नारंगी रंग की सिंदूर भरी होती है।
छठ पूजा सूर्य देवता की आराधना का पर्व है। नारंगी रंग सूर्य की ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक माना गया है। इस रंग को शुभ भी मनाना गया है। जो पूजा की पवित्रता और उत्साह को बढ़ाता है।
इसके अलावा नारंगी सिंदूर को सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। यह विवाहित महिलाओं के लिए पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली से जुड़ा होता है।
छठ पूजा में महिलाएं नाक से शुरू करके मांग तक सिंदूर लगाती हैं। सिंदूर लगाने की प्रक्रिया नीचे से शुरू होकर ऊपर तक जाता है। यह पति के लंबी आयु और तरक्की से जुड़ा है।
नारंगी रंग सूर्य की लालिमा का प्रतीक है जो हमेशा चमकता है। महिलाएं पति की लंबी आयु और तरक्की की कामना लेकर नाक से मांग तक नारंगी सिंदूर भरती हैं।
छठ पर्व संतान, पति और पूरे परिवार की खुशहाली के लिए किया जाता है। सूर्यास्त और सूर्योदय को अर्घ्य देकर छठी मईया और सूर्य की उपासना की जाती है।